नई दिल्ली
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी की हालत इतनी खस्ता है कि जंग हो जाए तो 20 दिनों तक लड़ने का गोला-बारूद भी नहीं है। भारतीय सेना के पास गोला-बारूद की तेजी से कमी हो रही है। टैंक्स, हवाई सुरक्षा यूनिट्स, तोपखाने में बैट्री और यहां तक कि पैदल सैनिकों के पास भी सामग्री नहीं है। हालांकि सेना हमेशा की तरह इस बात पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन सामान्य गणना से भी इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत की सेना के पास 20 दिन तक लड़ने लायक गोला-बारूद नहीं है।
नियम है कि सेना के पास कम से कम 40 दिन की गहन लड़ाई के लिए गोला-बारूद होना चाहिए। जिस असलहे को ज्यादा दिन तक नहीं रखा जा सकता, उसका भी भंडार कम से कम 21 दिन का होना चाहिए। लेकिन हाल ही में जनरल बिक्रम सिंह की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि गोला-बारूद के लिए जो नया रोडमैप बनाया गया है, अगर उसे बजट का सपोर्ट मिला तो सेना के पास 2015 तक इतना असलहा होगा जो कम से कम जरूरी रिजर्व का 50 फीसदी होगा।
इसका मतलब है कि अभी सेना के पास जो रिजर्व है वह जरूरत का आधा भी नहीं है। और रोडमैप के हिसाब से चला जाए तो इसे सौ फीसदी तक पहुंचने में 2019 तक का वक्त लगेगा।
पूरा समाचार यहां है।
Source link http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/army-running-low-on-ammunition/articleshow/32600183.cms
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी की हालत इतनी खस्ता है कि जंग हो जाए तो 20 दिनों तक लड़ने का गोला-बारूद भी नहीं है। भारतीय सेना के पास गोला-बारूद की तेजी से कमी हो रही है। टैंक्स, हवाई सुरक्षा यूनिट्स, तोपखाने में बैट्री और यहां तक कि पैदल सैनिकों के पास भी सामग्री नहीं है। हालांकि सेना हमेशा की तरह इस बात पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन सामान्य गणना से भी इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत की सेना के पास 20 दिन तक लड़ने लायक गोला-बारूद नहीं है।
नियम है कि सेना के पास कम से कम 40 दिन की गहन लड़ाई के लिए गोला-बारूद होना चाहिए। जिस असलहे को ज्यादा दिन तक नहीं रखा जा सकता, उसका भी भंडार कम से कम 21 दिन का होना चाहिए। लेकिन हाल ही में जनरल बिक्रम सिंह की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि गोला-बारूद के लिए जो नया रोडमैप बनाया गया है, अगर उसे बजट का सपोर्ट मिला तो सेना के पास 2015 तक इतना असलहा होगा जो कम से कम जरूरी रिजर्व का 50 फीसदी होगा।
इसका मतलब है कि अभी सेना के पास जो रिजर्व है वह जरूरत का आधा भी नहीं है। और रोडमैप के हिसाब से चला जाए तो इसे सौ फीसदी तक पहुंचने में 2019 तक का वक्त लगेगा।
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