पापुआ न्यू गिनी का हिस्सा माने जाने वाले ट्रॉब्रिएंड आइलैंड के
आदिवासियों का रहन-सहन और उनकी संस्कृति कुछ ऐसी ही है। यहां घर में
पुरुषों की जगह महिलाओं का दबदबा होता है। इसके साथ ही यहां शारीरिक संबंध
बनाने के लिए शादी करना जरूरी नहीं होता।
इस समुदाय में एक महिला जितने भी लोगों से चाहे संबंध रख सकती है। चाहे वो महिला शादीशुदा हो या ना हो।
स्थानीय आदिवासियों की मान्यता है कि लड़की के प्रेग्नेंट होने में पुरुष
उसकी मदद जरूर करता है, लेकिन बच्चे का असली पिता ईश्वर है। इसलिए लड़की के
बच्चे को उसके परिवार वाले ही पालते हैं। एरिक बताते हैं कि आज के दौर में
यहां के बहुत से आदिवासी बच्चे स्कूल जाने लगे हैं और पढ़ाई कर रहे हैं,
लेकिन यौन संबंधों को लेकर उनका रवैया अब भी वही है।
आइलैंड में एचआईवी और एड्स तेज़ी से अपने पांव पसार रहा है, बावजूद इसके यहां विवाहपूर्व संबंध बनाने की परंपरा जारी है। एरिक बताते हैं कि सभी गांवों में बुकुमातुला नाम की खास झोपड़ियां बनी होती है, जो खासतौर पर अविवाहित किशोरों और किशोरियों के इस्तेमाल के लिए बनाई जाती हैं। इन इलाकों में कंडोम और गर्भनिरोधक दवाओं का अच्छा खासा चलन है।
Source link: http://www.bhaskar.com/article-rk/INT-trobriand-islanders-change-spouses-whenever-they-want-4614676-PHO.html?seq=9
आइलैंड में एचआईवी और एड्स तेज़ी से अपने पांव पसार रहा है, बावजूद इसके यहां विवाहपूर्व संबंध बनाने की परंपरा जारी है। एरिक बताते हैं कि सभी गांवों में बुकुमातुला नाम की खास झोपड़ियां बनी होती है, जो खासतौर पर अविवाहित किशोरों और किशोरियों के इस्तेमाल के लिए बनाई जाती हैं। इन इलाकों में कंडोम और गर्भनिरोधक दवाओं का अच्छा खासा चलन है।
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