लंदन। हृदय रोगियों के लिए अच्छी खबर है। दिल की खराबी के कारण उनकी उखड़ती सांसों को पांच और वर्ष की मोहलत मिलने का रास्ता साफ हो गया है। चिकित्सकों ने ऐसे पहले इंसानी कृत्रिम हृदय का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण करने में कामयाबी हासिल कर ली है, जो मरीज की जिंदगी पांच वर्ष और बढ़ाने में सक्षम है। फ्रांसीसी डॉक्टरों ने 75 वर्षीय एक रोगी के खराब दिल को बदल कर दुनिया में पहली बार कृत्रिम हृदय को प्रत्यारोपित कर दिया है।
पेरिस के जार्जेस पॉपिदू अस्पताल के चिकित्सकों ने इस प्रत्यारोपण की सघन प्रक्रिया को अंजाम दिया। कृत्रिम हृदय की खासियत यह है कि यह मरीज के शरीर के बाहरी हिस्से में बंधी लीथियम आयन बैटरी से संचालित होती है। पूरी तरह से इंसानी दिल की तरह काम करने के लिए इसके उस हिस्से को मवेशियों के ऊतक से बनाया गया है, जो सीधे इंसानी खून के संपर्क में रहता है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि धमनियों में खून न जम (ब्लड क्लाटिंग) सके। पहले बने कृत्रिम हृदय में प्लास्टिक जैसे सिंथेटिक के इस्तेमाल के कारण ब्लड क्लाटिंग की शिकायत आम रहती थी।
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