17 साल बाद ब्लाउज से पता चला रेप की कोशिश किसी और ने की थी

आपको बता दें कि जब पीड़ित महिला के ब्लाउज में मौजूद डीएनए सबूत की जांच की गई तो पता चला कि रेप की कोशिश विक्टर ने नहीं बल्कि किसी और शख्स ने की थी. सबूत के सामने आने के बाद दिसंबर 2013 में विक्टर को जेल से रिहा कर दिया गया.
हालांकि अपनी जिंदगी के कीमती 17 साल जेल में गुजारने के बाद भी विक्टर के मन में जेल प्रशासन के खिलाफ कोई कड़वाहट नहीं है. विक्टर को जनवरी 1997 में 22 साल की लड़की का रेप करने की कोशिश के अरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
विक्टर का कहना है कि वे इतने सालों तक इसलिए चुप रहे क्योंकि उनके वकीलों की टीम उनका बचाव करने में असमर्थ थी और उन्हें लगता था कि गुनाह कबूल कर लेने से सजा कम मिलेगी. उन्होंने कहा, 'पुलिस के पास कभी भी मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था, लेकिन मेरे वकीलों की टीम केस सही से नहीं लड़ सकती थी. अब न्याय का वक्त है और मैं अपनी जिंदगी वापस चाहता हूं'.
पूरा समाचार यहां है।
Sources: http://aajtak.intoday.in/story/postman-spents-17-years-in-prison-after-wrongful-conviction-for-attempted-rape-1-751091.html
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